गुरुवार, नवंबर 22, 2012

श्रधांजली

लड़ते हैं जो सरहदों पर,सर्वस्व अपना त्याग कर.
धरती है जिनके लिये भगवान, ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम.
क्रांति जिनका नारा था, देश खुद से प्यारा था,
देश को है जिनपर अभिमान, ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम.
जो वीरता से लड़े थे, खुद सूली पर चढ़े थे,
वीरता थी जिनकी पहचान, ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम.
जो सदा के लिये अमर हो गये, शहादत की गोद में सो गये.
मौत का मांगा था वर्दान, ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम.
देखकर इनकी कुर्वानी, भर आता है आंख में पानी,
नहीं कर सकता शब्दों से बखान, ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम.

रविवार, नवंबर 11, 2012

दिवाली


अमन के रथ पर आयी दिवाली, चारों ओर है खुशहाली।

भूल जाओ अब सारे दुःख, लाई है दिवाली ढेरों सुख।

 सब अधरों पर मुस्कान पाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।


जिस गेह में हो अन्धेरा, उस घर में कर दो सवेरा।

आज की रात कोई रोए, भूखे पेट कोई सोए।

रोते हुए बच्चों को हंसाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।


अमावस्य की ये काली निशा, दीपों से जगमगाए हर दिशा।

दीपक तो हर घर में जलाए, पर कोई पतंगा मरने पाये।

पहले किसी का घर सजाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।


कहता है दिवाली का त्योहार, आपस में सभी करो प्यार।

मज़हब की सभी दिवारे तोड़ो, मानवता से नाता जोड़ो।

दुशमनों को गले लगाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।

शुक्रवार, नवंबर 02, 2012

पश्चिमी तुफान


गति तीव्र है, लक्ष्य है भारत, कर रहा है सभ्यता को धुंधला,

बच पायेगा कोई भी इससे, ये पश्चिमी तुफान है।

हम भूल रहे हैं वेद पुराण, दे रहे हैं वृद्धों को संमान,

रह गया है कोई रिश्ता पावन, ये पश्चिमी तुफान है।

भूल गये हम अपनी भाषा, रहन सहन और खान पान भी,

नग्न तन को कहते हैं फैशन, ये पश्चिमी तुफान है।

क्या जानेंगे बच्चे मर्यादाएं, क्या देंगे हम उनको सुसंस्कार,

टीवी, इंटरनैट  गुरूकुल है उनका, ये पश्चिमी तुफान है।

दिवाली की जगह वैलेनटाइन्स डे, दीपक की जगह कृत्रिम लड़ियां,

बच्चों से नहीं कुत्तों से प्यार है, ये पश्चिमी तुफान है।

उगता है सूरज पूरव से, होता है पश्चिम में अस्त,

प्रकाश यहां, अन्धकार वहां है, ये पश्चिमी तुफान है।

आवाहन कर रही है संस्कृति,   रोको इस तुफान की गति,

वापिस लाओ गौरव मयी अतीत, ये पश्चिमी तुफान है।